रविवार, 29 सितंबर 2013

वायदा में शब्दों का भ्रम जाल

लग सकती है 100 करोड़ की पेनल्टी 
वायदा बाजार में ग्वार अपने ढरे के साथ नित्य उपर या निचे के भावों का सर्किट लगा ही रहा है ! घाटे मुनाफे की बड़ी हारजीत ने आम व्यापारी का मोह भंग कर दिया है ! वायदा में कृषि जिंसो का सरताज ग्वार उपेक्षित होने लग गया है ! कृषि जिंस बाजार को वायदा में आकर्षित करने वाला ग्वार ही था जिसके दम पर अन्य जिंसो को भी वायदा में स्थान मिला ! पिछले दो सालों से चल रहे भारी उथल पुथल ने एक बार ग्वार को वायदा से बाहर का रास्ता दिखा दिया ! अब फिर वायदा में शामिल हुए ग्वार के प्रति fmc सचेत है ! इसीका नतीजा था की ग्वार वायदा की लगातार जाँच हुई और कई व्यापारियों को वायदा से निलम्बित करने के साथ भारी जुर्माना लगाया गया था ! खबरों के अनुसार एक बार फिर जाँच के घेरे में आये पुराने दोषियों के खिलाफ 100 करोड़ रूपये की जुर्माना राशी लगने वाली है !
    राजस्थान में चल रही बारिश से ग्वार को नया जीवन दान मिल गया है ! प्यासी फसलों में काफी सुधार हुआ है ! व्यापारिक आंकलनो के अनुसार देश में 25 लाख टन ग्वार पैदावार का अनुमान है ! तेजी मंदी के लिहाज से सारा दारोमदार विदेशी मांग पर निर्भर रहेगा ! हाल में चल रही बारिश से चना ,सरसों की बिजाई के लिए उपयुक्त वातावरण तेयार हो गया है उमीद्द की जा सकती है की दोनों फसलो की सांगोपांग बुवाई होगी !
वायदा में शब्दों का भ्रम जाल 
                सरकार की जैसे ही चेतना जागृत हुई सट्टे को वैधानिक बनाया इसका नाम सट्टे से बदलकर वायदा,फारवर्ड मार्केट और फ्यूचर मार्केट हो गया ! जब तक अवैधानिक था नाम सिर्फ सट्टा ही था! नाम के साथ सट्टे में सेंकडो वर्षो से प्रचलित शब्दकोष बदल गया ! भारतीय सट्टा बाजार में व्याख्या के लिए तेजड़िए ,मंदडीये,बदला,नजराना,झोटा,दलाल,आढतिया जैसे सीमित और आसान शब्द प्रयोग होते थे ! वंही वायदा बनते ही इस बाजार में नये नये शब्दों ने जन्म ले लिया ! लिवाल  (लांगपोजीशन) बिकवाल (शोर्टपोजीशन) ब्याज बदला (आर्बिट्रेज), खड़े सौदे ( ओपन इंटरेस्ट) कटान (सेटलमेंट प्राइस) हाजिर घटनाये (फंडामेटल) बेवजह तेजी मंदी (टेक्निकल) इक तरफा तेजी (रेली) इक तरफा मंदी( डिप), छोटी तेजी मंदी को प्रॉफिट टेकिंग के नाम से परिभाषित कर दिया !  डी मेट ,री मेट ,जोबर ,कार्टेल ,ब्रोकर ,मेन क्लाईंट जैसे अनेक शब्दों ने इसे घुमावदार बना कर चकरघिनी कर दिया है ! हिंदी शब्दों का तो नामोनिशान नही है ! प्रयुक्त अंग्रेजी शब्दों का अर्थ निकले तो कुछ और ही नजर आएगा ! अभी वायदा शब्द बचा है ये भी लुप्तप्राय होकर फारवर्ड मार्किट के नाम से ही जाना जायेगा !
       व्यापार का बदला तौर तरीका 
           वायदा व्यापार करने का तौर तरीका भी काफी कुछ बदला है ! पहले स्थानीय स्तर की जानकारी का ही महत्व था वंही अब विश्व में चल रहे घटनाक्रम ज्यादा प्रभावित करते है ! वायदा व्यापार के लिये दुनिया भर की खबरें देखने के आलावा सरकारी रीती नीति का ख्याल रखना पड़ता है ! ये भी ध्यान रखना होता है की कोरपोरेट जगत की नजर किस जिंस पर है ! टेक्निकल ग्राफ बनाने वाले सॉफ्टवेयर से पल पल की जानकारी अहम हो गई है ! टी वी चैनलों पर खरीदने बेचने व घाटा मुनाफा (स्टाप लोश ) की जानकारी भी अपना एक स्थान रखने लग गई है ! कीमत चूकाकर टेक्निकल जानकारी सीधे कंप्युटर पर या मोबाईल पर सुचना उपलब्ध कराने वाली कई एजेंसिया कुकरमुते की तरह उग गई है ! पर कई बाते आज भी समान रूप से उतरी -दक्षणि भारत में प्रचलित है जिसमे ज्योतिषीय आधार जैसे चन्द्रमा की स्थिति ,पंचक और नक्षत्र देख कर व्यापार करना ,शकुन अपशकुन को मानना जैसी बाते अभी भी समान रूप से जारी है ! 

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