शुक्रवार, 14 अगस्त 2009

दाल-दलहन तेरा क्या होगा ?

राजस्थान सरकार ने दाल-दलहन पर दो सो किवंटल की स्टाक सीमा लगा दी है और जो मॉल स्टाक है उसे १५ दिन में सलटा कर दो सो की सीमा मे आना होगा !बीकानेर मे अनुमानित ८ लाख बोरी चने का स्टाक है और यही कारण है की यहाँ से जोरदार बिकवाली निकली है जिससे चार दिनों में चना चार सो रूपये गिर गया !आदेस अनुसार इस मॉल का स्टाक भी एक महीने में बेचना होगा !चिंता इस बात की है की एक महीने बाद ये चना कहाँ से आएगा !और आयगा भी तो इसकी कीमत मॉल की कमी से व अन्य खर्चों से ज्यादा हो जायेगी जिसका सीधा नुकसान राजस्थान की जनता का होगा !एक और जहाँ हाजिर कारोबारी को दो सो बोरी में बाँध दिया है वहीं वायदा बाजार में इसको लेने बेचने वालों को बडी छुट है ये कहाँ तक वाजिब है !

मंगलवार, 11 अगस्त 2009

ग्वार में तेजी मंदी जोरों पर

ग्वार कल तेज रहने के बाद आज फ़िर मंदा रहा आज मंदी का कारण चने पर राजस्थान में स्टाक लिमिट लगने से इसकी लेवाली में भी मानसिक कमजोरी आई !मोसम में आज भी कोई परिवर्तन नही था !फसलों में नुकसान जारी है !अब मोसम आ भी जाता है तो बहुत फायदा होने वाला नही है !आने वाले समय में सारा खेल डिमांड पर रहेगा !ग्वार के प्रमुख दलाल बसंत भाई के अनुसार गम का बडा स्टाक इसमे तेजी आने नही देगा !ग्वार के जानकार कानजी भाई का कहना है स्टोरिओं की लिवाली कायम रहती तो मंदी को हाल फिलहाल भूल जाना चाहिए !

गुरुवार, 6 अगस्त 2009

ग्वार में तेजी

ग्वार में तेजी
राजस्थान हरियाणा पंजाब के ग्वार की खेती वाले इलाकों में असामान्य मोसम जेसे कम बरसात ,खराब हवाएं ,रात को ठण्ड दिन में गर्म आदि की वजहों से ग्वार की खेती को काफी नुकसान हुआ है !अब बारिश ना होने से इसमे हर दिन नुकसान बढ़ता जा रहा है ! बीकानेर के चारों और यही हाल है !आज बुवाई के अनुसार पेंतीस लाख बोरी उत्पादन का व्यापारिक अनुमान बातचीत के आधार पे निकल रहा है !इस उत्पादन से और तेजी के आसार आ रहें है !अब चार पॉँच दिन के बाद लोगों को मोसम की उमीद है अगर ये मोसम भी नही आता है तो फसल में और कमी आ सकती है !आने वाले साल में ग्वारगम की विदेसी खपत अच्छी निकलती है तो इसकी तेजी का भविष्य उज्वल है पर गत साल की तरह डिमांड रही तो तेजी मंदी के साथ समय इन्ही भावों पर निकाल देगा !पर बडी मंदी तो नही लगती !

मंगलवार, 4 अगस्त 2009

बरसात और कहावते राजस्थान मे

राजस्थान में बरसात को लेकर काफी कहावतें है कुछ एक बानगी ---तितर पंखी बादली ,विधवा काजल रेख --आ बरसे बा घर करे इमे मीन न मेख !--सावन पेली सूं न्वुं ,ना बदल ना बीज -हळ फाड़ इंधन करो ,उभा चाबो बिज !आसाडा धुर आठम ने ,चाँद सेवरा छाय-च्यार मास चूतो रहे ,जिउं भांडे रे राय !सावन में सूर्यो चले ,भादुडे पुरवाई -आसोजां पिछ्वा चले ,तो सातों धान सवाई !