रविवार, 15 सितंबर 2013

फसलें प्यासी बरसात की जरूरत /ग्वार पर fmc का रूख कड़ा

फसलें प्यासी बरसात की जरूरत 
दिन में गर्मी रात को ठंड ! मौसम है की सपोर्ट ही नही कर रहा ! इस मौसम से फसलों को नुकसान हो रहा है ! बाराणी और नहरी खेती के अनुभवी अजीतसिंह बेलासर का मानना है कि जल्द बारिश नही होती है तो बाराणी खेती चोपट हो सकती है ! खेतो में फसले प्यासी नजर आने लगी है ! नहरी और कुओं से सिंचित फसलों को भी नुकसान हो रहा है ! सिचित क्षेत्र में जितनी इल्ड (उतारा)आनी चाहिये वो नही आयेगी ! मूंगफली ,ग्वार मोठ सभी जिंसो की हालत एक जैसी है! उधर मध्यप्रदेस में ज्यादा बारिश से सोयाबीन की फसल को नुकसान पहुंच ही चूका है! सब कुछ पृक्रती पर निर्भर है ! इसीलिए खेती सबसे बड़ा जुआ है ! इस जुए को खेलना किसान की मजबूरी भी है ! मोसम विभाग ओसत निकाल कर 10 % ज्यादा बरसात बता रहा है ! जिसके आधार पर सरकारी विभाग कृषि उत्पादन बढ़ा चढ़ा कर बता रहा है ! पर हमे ये समझना जरूरी है कि फसल के लिए प्रथम,मध्यकाल व अंतिम बरसात की पोजीसन केसी रहती है !ग्वार ,मोठ, मूंगफली के लिए प्रथम अच्छी बरसात ने भरपूर बिजाई करवा दी ! अब मध्यकाल की बरसात ने गणित गडबड कर रखा है जिसका ओसत से कोई लेना देना नही है ! बरसात नही होती है तो बाराणी किसान खर्चे के बोझ तले आ ही जायेगा !इस जुआरी खेती के वास्ते दूरगामी सरकारी नीति की आवश्यकता है ! सरकार बड़ी बड़ी योजनाये लेकर आती है और अनाप शनाप धन भी खर्च करती है जेसे रोजगार गारंटी ,खाध्य सुरक्षा,शिक्षा आदि फिर भी माकूल व्यवस्था नही हो पा रही ! आगे से आगे और योजनाओं की जरूरत महशुस होती रहती है ! पीड़ा के लिए दवा दे रहें है पर बीमारी का जड़ से इलाज नही कर रहे ! कंही सूखे की मार तो कंही बाढ से हालात खराब ! ऐसे वक्त ठंडे बस्ते में पड़ी अटलबिहारी बाजपेयी की नदी जल जोड़ो योजना की जरूरत महसूस होती है ! आम आदमी को भी लगने लगा है की इस योजना से तिहरा फायदा होगा ! इससे बाढ़ से राहत ,सूखे में सिचाई और जमीन में घटते जल स्तर को संभाला जा सकेगा ! भारत में कृषि क्रांति हेतु ये योजना निर्णायक साबित हो सकती है !
   ग्वार पर fmc का रूख कड़ा 
                    हाजिर और वायदा दोनों में ग्वार ने तहलका मचा रखा है ! ग्वार वायदा में रोजाना कभी उपर का सर्किट तो कभी निचे का सर्किट ! वायदा बाजार आयोग ने ग्वार खरीददार पर अतिरिक्त मार्जिन भी लगा दिया है ! अब आयोग ने छानबीन करने के लिये एक्सचेंजों से टॉप ट्वेंटीफाइव ग्वार कारोबार करने वालों की सूची मांगी है ! जाहिर है वायदा बाजार आयोग पिछली ग्वार की सट्टेबाजी से सावधान है और नकेल कसने की तेयारी में है ! गुरुवार को हाजिर बाजार में भी ग्वार ने वायदा को पीछे छोड़ दिया ! गुरुवार को सुबह दस बजे नो हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकता  हुआ चार घंटे बाद ही आठ हजार रूपये प्रति क्विंटल बिकने लगा ! हाजिर और वायदा दोनों की उठा पटक ने मध्यम वर्गीय कारोबारियों को ग्वार से दूर रहने की सीख तो दे ही दी है ! वायदा बाजार आयोग के चेयरमेन रमेश अभिषेक ने वेयरहॉउसिंग,क्वालिटी कंट्रोल,गलत फंडिंग,अनर्गल तेजी मंदी,संगठित सटेबाजी जैसे मुद्दों पर कठोर रवैया अपनाना शुरू कर दिया है ! मेरा मानना है कि इसके दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे ! छोटे कारोबारियों के लिए सुगमता से ही वायदा बाजार विस्तृत रूप ले पायेगा तथा व्यापार करने वाले भागीदारों की संख्या में बढ़ोतरी हो पायेगी !        
                 

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