रविवार, 15 सितंबर 2013

अमृत की तलाश में बाजार

अमृत की तलाश में बाजार
खेती ,खनिज ,इंडस्ट्री ,आयात ,निर्यात और जरूरत यह सभी मिलकर बाजार रुपी समुन्द्र तेयार करती है ! इनमे से कोई भी धारा बिगड़े तो बाजार का रूप बदल जाता है ! इस समुन्द्र में विष और अमृत दोनों है !किसी के हाथ विष लग जाता है तो किसी के हाथ अमृत ! जिनके हाथ विष लगता है पीना तो उसीको पड़ता है ! पर अब वो शिव नही कहलाते ! वो कहलाते है अज्ञानी ,ड्फोल और मंदबुद्धि ! जिनके हाथ अमृत लगता है वो गुणी ,धीमान ,और समझदार माने जाते है ! यकीन जानिए आज पैसा अधिक लोगो के हाथ से निकल कर तथाकथित चंद गुणी लोगो के पास जा रहा है ! अमीर और अमीर हो रहा है ! तथा गरीब और गरीब होकर गरीबी संख्या में वृद्धि कर रहा है ! आज इस विकसित बाजार में यही कुछ हो रहा है ! एक तरफ वैश्विकरण के नाम पर बाजार को मुक्त किये जाने की घोषणा होती जा रही है ! दूसरी तरफ कई घोड़ो पर सवार सरकार लगाम लगाने का नाकाम प्रयास भी कर रही है ! जिसका नतीजा महंगाई और गिरते रूपये से सामने आ रहा है ! रूपये को संभालने की सारी कवायद बेकार साबित हो रही है !  संभलेगा भी कैसे ? भारत में जंहा बचत संस्कृति थी ! आज प्रगति दिखाने के लिए लोन संस्कृति को बढ़ावा दे दिया है ! इस संस्कृति को फेलाया किसने ? उदाहरण के लिए लोन ने कारों और दुपहियों से सडको को भर दिया है ! अब ये बिना इंधन चलेंगे केसे ? पेट्रोल पर टेक्स भी केंद्र और राज्य सरकारों ने खूब ठोक रखा है ! पर बिक्री नही घट रही ! महंगी मंहगी देशी विदेशी गाडियों को किसान के नाम का सस्ता डीजल क्यों मुहेया करवाया जा रहा है ? बिना जरूरत खर्चों पर रोक क्यों नही ? चार पांच लोगों के परिवार के लिए  सैंकड़ो करोड़ की लागत के मकान क्यों बनने दे रहे है ? जिस देश में करोड़ो लोगों के पास रहने को छत नही वंहा ये अमीरी का दिखावा किसलिए ?अमीर तो भारत में पहले भी थे ! आज भी जब अमीर की बात आती है तो सम्मान के साथ टाटा बिडला का नाम लेते है ! आज के नये रईसों का नही ! यह सब खरा खोटा इस विशाल बाजार का किया धरा है ! इस समुन्द्र में जिसके पास बड़ा जहाज है वो अमृत इकठा करने में लगे है ! बाकि छोटी मोटी किशतिया बाजार में उतरती तो अमृत के लिए है पर फिर खुद को बचाने की सांसत में ही लगी रहती है ! सरकारी नीतिया ही डुबो रही है ! मंत्रीजी का बेतुका बयान देखिये रात को आठ बजे पेट्रोल पम्प बंद करने से इंधन की बिक्री कम जायेगी! मंत्रीजी राजस्थान सरकार से पूछ लीजिये दारू की बिक्री रात को आठ बजे के बाद बंद करदी ! अब बिक्री घटी या बढ़ी ?
                 माना जाता रहा है की सरकार गुणी और ज्ञानवान लोगों से बनती है ! सरकार जो भी कर रही है कुछ सोचकर ही कर रही होगी ? जैसे खाध्य गारंटी ,लेपटोप ,मोबाईल आदि आदि ! उपभोगता सिर्फ अपनी फ़िक्र में निवेदन ही कर सकते है की हे राज के धारी रोजमर्रा के काम आने वाली आवश्यक वस्तुओं के दाम कृत्रम कारणों से नही बढ़े ! इतना ख्याल इस बाजारीकरण की आपा धापी में रख लेंगे तब भी राहत रहेगी ! इस बाजार रुपी समुन्द्र में सरकारी गश्त जरूरी है !     
 सप्ताहिक गतिविधि पर सरसरी नजर......
                 ग्वार में उथल पुथल के साथ तेजी ,डालर में भारी उठा पटक के बाद नरमी ,सोना चांदी में बढत के बाद नरमी ,वायदा बाजार वित् मंत्रालय के अधीन जाने की और ,वेयर हाउसों के लिए नये सरकारी नियामक की घोषणा जल्द ,NSEL का भुगतान संकट कायम ,ग्वार वायदा का दस टन अनुबंध शुरू,सीरिया युद्ध की आशंका के बावजूद जीरा में खास गर्मी नही ,बरसात नही होने से बारानी खेती में नुकसान की आशंका ,वायदा वोलिय्म में गिरावट! कुल मिलाकर बाजार में ग्राहकी के आलावा दूसरी हलचल ज्यादा रही !     

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