सोमवार, 5 अक्तूबर 2009

छोटी फसलों का बडा वायदा व्यापर ?सोचना होगा

ग्वार चना दोनों में आज थोडी घट-बढ के साथ बाजार चला कोई खास बात नजर नही आई पर वोलियम के लिहाज से देखें तो ग्वार में जितनी फसल होगी उतना ही वोलियम था !मेने पहले लिमिट के बारे में लिखा था आज वापस उस बात को दोहरा रहा हूँ !मेरी कई ग्वारगम की मिल वालों से बात हुई उनका कहना था इस बार मिल चलाना काफी मुश्किल होगा २२५० के भावों पर ग्वार ले तो गम किसे बेचेंगे गम तो ४८५० के उपर बिकता नही और इन भावों पे गम ५००० से निचा पड़ता नही !फसल का अनुमान जो लोगों से मिल रहा है वो ३ लाख टन के आस पास ही आ रहा है !आज जरूरत है वायदा व्यापर पर पुनर्विचार की कभी किसी जींस की फसल कम हो जाए या इस बार की तरह अकाल की मुसीबत आजाये तो हम इन बातों की और कब ध्यान देंगे या फ़िर चीनी की तरह सोर्टेज का हल्ला कर सभी जिंसों के भावों को चढ़ने देंगे !लोग तर्क देते है की कई दालों का वायदा व्यापर नही है फ़िर उन जिंसों में तेजी क्यों ?मेरा ये मानना है की यदि दालों का वायदा कारोबार होता तो आज जिस भाव पे मिल रही है वो भी नसीब नही होती !किसीभी छोटी फसल का बडा कारोबार घातक हो सकता है ये हम छोटे शहरों में रहने वाले लोगों का सोच है FMC को पुरे अधिकार मिले जिससे वो ढंग से इस बाजार को चला सके !

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