शुक्रवार, 13 नवंबर 2009

ग्वार में मोजा ही मोजा

ग्वार का वायदा आज जोरदार तेज रहा जेसी की उमीद थी लिवाली जोर पकड़ जायगी क्योंकि दो दिनों से ये हवा फेली हुई थी की गम की डिमांड आएगी और ऊशी हवा ने सटोरियों और स्टाकिस्टों की लेवाली बढा दी !अब तक गम डिमांड ने कोई खास जोर नही पकडा है पर उमीद के पीछे बाजार चल पडा है !साइड बाजार जेसे सरसों ,सोयातेल आदि का प्रभाव भी तेजी की और ले गया !ग्वार का पिछला अनुमानित स्टाक तीस लाख बोरी था और इस बार की फसल भी पेंतीस लाख बोरी आने का व्यापारिक अनुमान है तथा पिछला गम का स्टाक एक लाख पचास हजार टन का होने की बात सामने आ रही है ऐसे में अब सारा दारोमदार गम की मांग पर ही रहेगा !अगर मांग में सुधार नही हुआ तो फ़िर दे दाल में पानी वाली हालत हो जायेगी !राजस्थान में लगभग सभी जगह बारिश का मोसम बना हुआ है जिससे चना और सरसों की खेती को काफी हद तक फायदा होगा !कोमोडिटी बाजार में वायदे के प्रति हल्दी जेसा डर तो लोगों को हर वक्त रहता है और वाजिब भी है यहाँ तो हर रोज छबे जी बननेवाले दुबेजी बनकर ही घर आते है !आज एक ब्रोकर हॉउस का फोन था की फलाँ जींस में स्टाप लोस क्या रखूं सर? मुझे इनकी budhi पर तरस आता है अरे भले आदमी हर एक का उसकी हेसियत के अनुसार घाटे या नफे की लिमिट होती है तुम्हारे या मेरे अनुसार नही !

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